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दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय कहाँ है? Where is the oldest university in the world?


 नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना सन् 5 वीं सदी में हुई थी। यह विश्वविद्यालय तब से लेकर 12 वीं सदी तक विश्वविद्यालयों के रूप में अपना कार्य करता रहा। इस विश्वविद्यालय में बौद्ध धर्म, जैन धर्म, वेदांत, ज्योतिष और गणित जैसे विभिन्न विषयों का अध्ययन किया जाता था।

नालंदा विश्वविद्यालय एक बड़ी विश्वविद्यालय थी जिसमें लगभग 10,000 छात्र थे। यहां के छात्र विभिन्न देशों से आते थे और विभिन्न विषयों का अध्ययन करते थे। नालंदा विश्वविद्यालय के छात्रों में संगीत, नृत्य, कला और साहित्य की शिक्षा भी दी जाती थी।

नालंदा विश्वविद्यालय भारत के बिहार राज्य में स्थित था। इसे विश्व की प्राचीनतम विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है। यह विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म के महाविद्वान् अतिशयोक्त और अवबोधन ने स्थापित किया था।


नालंदा विश्वविद्यालय का अध्ययन केंद्र सूर्योदयानी ध्यान केंद्र के रूप में भी जाना जाता था। छात्रों को विभिन्न विषयों के अध्ययन के साथ-साथ ध्यान और अध्यात्म का भी अभ्यास कराया जाता था। इसलिए इस विश्वविद्यालय को एक साम्राज्य की आध्यात्मिक और शैक्षिक राजधानी माना जाता है।


नालंदा विश्वविद्यालय के कुछ बड़े विद्वान थे जिन्होंने अपने दौर के अंतर्गत अनेक महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे थे। इनमें से कुछ नाम निम्नलिखित हैं:

- अर्यभट्ट

- वराहमिहिर

- चाणक्य

- धर्मपाल

- नागार्जुन

- अश्वघोष

नालंदा विश्वविद्यालय का अध्ययन काफी महंगा था और इसमें बड़े-बड़े शिक्षाविदों की टीम भी काम करती थी। इस विश्वविद्यालय की स्थापना अब से करीब 1500 वर्ष पहले हुई थी और वर्तमान में इसकी खंडहर बिहार में मौजूद है। नालंदा विश्वविद्यालय भारत के संस्कृति और विद्या के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

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नालंदा विश्वविद्यालय के शिक्षार्थी अधिकतर बौद्ध धर्म के थे और इस विश्वविद्यालय में बौद्ध धर्म के सिद्धांतों, तथ्यों, विचारों और बौद्ध शास्त्रों के अध्ययन की जाती थी। इसके अलावा, विभिन्न विषयों में अध्ययन कराया जाता था जैसे कि गणित, ज्योतिष, तार्किक शास्त्र, वैद्यक विज्ञान, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान आदि।

इस विश्वविद्यालय के अध्ययन के लिए लगभग देश-विदेश से छात्र आते थे। नालंदा विश्वविद्यालय के समय में दक्षिण एशिया के अनेक विद्वानों और शोधकर्ताओं का संचार होता था जो इस विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने आते थे। इन सभी कारणों से, नालंदा विश्वविद्यालय को दुनिया के सबसे अग्रणी शिक्षण संस्थानों में से एक माना जाता है।

इसके अलावा, नालंदा विश्वविद्यालय भारत के संस्कृति और विद्या के अतुलनीय उत्साह और अनुसंधान के लिए जाना जाता है।