Advertisement



AAJ KA VICHAR | ।। उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत ।।क्षुरस्य धारा निशिता दुरत्यया दुर्गं पथस्तत्कवयो वदन्ति ।। WORDS OF SAMARPAN


आज का विचार 


🌺🌸💐🌺🌸💐🌺🌸
       
।। उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत ।।
क्षुरस्य धारा निशिता दुरत्यया दुर्गं पथस्तत्कवयो वदन्ति ।। 
 
अर्थ : (हे मनुष्यों) उठो, जागो (सचेत हो जाओ)। श्रेष्ठ (ज्ञानी) पुरुषों को प्राप्त (उनके पास जा) करके ज्ञान प्राप्त करो। त्रिकालदर्शी (ज्ञानी पुरुष) उस पथ (तत्वज्ञान के मार्ग) को छुरे की तीक्ष्ण (लांघने में कठिन) धारा के (के सदृश) दुर्गम (घोर कठिन) कहते हैं।

🌺🌸💐🌺🌸💐🌺🌸