Advertisement



AAJ KA VICHAR | भवाब्धावपारे महादुःखभीरु पपात प्रकामी प्रलोभी प्रमत्तः|कुसंसारपाशप्रबद्धः सदाहं गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥ WORDS OF SAMARPAN


आज का विचार 


🌺🌸💐🌺🌸💐🌺🌸
                     
भवाब्धावपारे महादुःखभीरु पपात प्रकामी प्रलोभी प्रमत्तः|
कुसंसारपाशप्रबद्धः सदाहं गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥

 भावार्थ :
मैं अपार भवसागर में पड़ा हुआ हूँ, महान् दु:खोंसे भयभीत हूँ, कामी, लोभी मतवाला तथा संसार के घृणित बन्धनों में बँधा हुआ हूँ, हे भवानी ! अब एकमात्र तुम्हीं मेरी गति हो, तुम्हीं मेरी गति हो ।

🌺🌸💐🌺🌸💐🌺🌸