आज का विचार
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सौम्यक्रोधधरे रुपे चण्डरूपे नमोऽस्तु ते ।
सृष्टिरुपे नमस्तुभ्यं त्राहि मां शरणागतम् ॥
भावार्थ :
सौम्य क्रोध धारण करनेवाली, उत्तम विग्रहवाली, प्रचण्ड स्वरूपवाली हे देवि ! आपको नमस्कार है । हे सृष्टिस्वरूपिणि आपको नमस्कार है । आप मुझ शरणागत की रक्षा करें ।
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