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AAJ KA VICHAR | विद्वत्वं च नृपत्वं च नैव तुल्यं कदाचन।स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान् सर्वत्र पूज्यते।। WORDS OF SAMARPAN


आज का विचार 

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विद्वत्वं च नृपत्वं च नैव तुल्यं कदाचन।
स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान् सर्वत्र पूज्यते।।

अर्थ — एक विद्वान और राजा की कभी कोई तुलना नहीं की जा सकती। क्योंकि राजा तो केवल अपने राज्य में सम्मान पाता है वही एक विद्वान हर जगह सम्मान पाता है।

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